Saturday, April 2, 2016

कब्ज के लिये आयुर्वेदिक औषधि है त्रिफला

त्रिफला अन्य कई लाभकारी औषधियों की तरह ही फायदेमंद आयुर्वेदिक नुस्खा हैं। आइए जानें त्रिफला कब्ज के लिए आयुर्वेदिक औषधि के रूप में लाभकारी है या नहीं।

QUICK BITES

  • आयुर्वेदिक औषधि है त्रिफला।
  • कब्ज के लिए फायदेमंद है त्रिफला।
  • आंवला, हरड़ और बहेड़ा का मिश्रण।
  • आंखों की रोशनी बढ़ाने में लाभदायक।

    त्रिफला एक आयुर्वेदिक औषधि है, त्रि‍फला औषधि का त्रिफला चूर्ण के रूप में भी उपयोग किया जाता है। त्रिफला अन्य कई लाभकारी औषधियों की तरह ही फायदेमंद आयुर्वेदिक नुस्खा हैं। आइए जानें त्रिफला कब्ज के लिए आयुर्वेदिक औषधि के रूप में लाभकारी है या नहीं। त्रिफला का प्रयोग आमतौर पर कब्ज दूर करने के लिये किया जाता है। कब्ज दूर करने के अलावा त्रिफला आंखों की रोशनी बढ़ाने में भी लाभदायक है। बालों के खराब होने और समय से पूर्व सफेद होने में भी त्रिफला का सेवन किया जा सकता है। 

कब्‍ज के लिए फायदेमंद

    त्रिफला औषधि से कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए नियमित रूप से रात को सोने के पूर्व त्रिफला चूर्ण पानी के साथ लेने से कब्ज दूर होकर पेट साफ हो जाता है। दरअसल, त्रिफला आंवला, हरड़ और बहेड़ा नामक तीन फलों के मिश्रण से बना चूर्ण होता है। ये तीनों ही फल आयुर्वेदिक औषधियां बनाने में काम में लाए जाते हैं।

    त्रिफला को आमतौर पर हरड, बहेडा व आंवला के मिश्रण के रूप में पेट साफ करने अथवा कब्ज के रोग को दूर करने के लिए जाना जाता है। लेकिन त्रिफला का प्रयोग शरीर में मौजूद अन्य बीमारियों को दूर करने के लिए भी किया जाता है।

त्रिफला लेने का तरीका

    कब्ज दूर करने के लिए त्रिफला चूर्ण को अलग-अलग मौसम में अलग-अलग चीजों जैसी लेंडी पीपल का चूर्ण मात्रा शहद, गुड, सेंधा नमक, खांड/शक्कर, बुरा ,सौंठ का चूर्ण इत्यादि के साथ मिलाकर सुबह फ्रेश होने के बाद लगभग एक से दो चम्मच लेना चाहिए। लेकिन ध्यान रहें त्रिफला चूर्ण लेने के बाद एक घंटे बाद तक चाय-दूध नहीं लेना चाहिए। 

अन्‍य लाभ

    त्रिफला चूर्ण से आंखों की रोशनी तेज करने और बालों की जड़ों को मजबूत करने के लिए प्रतिदिन रात को एक तांबे के लोटे में पानी भरकर उसमें दो चम्मच त्रिफला चूर्ण डाल दें। सुबह उठकर उस पानी को छानकर आंखों में छीटें मारें। ऐसा करने से आंखों की रोशनी बढ़ेगी और बचे हुये त्रिफला के गुद्दे को बालों में लगाने से बाल अच्छे हो जाते हैं।
        
    त्रिफला चूर्ण अधिक पुराना यानी चार महीने से अधिक पुराना नहीं होना चाहिए, अन्यथा इसमें गुठिलयां सी बनने लगती हैं और यह बहुत अधिक प्रभावकारी भी नहीं रहता। आप त्रिफला चूर्ण को घर पर भी तैयार कर सकते हैं। शुरूआत में त्रिफला चूर्ण के सेवन से आपको दस्त की शिकायत हो सकती हैं। इसीलिए आप इसे सुविधानुसार रात में कटोरी में घोलकर रख सकते हैं। इसके नियमित सेवन से शरीर रोग मुक्त रहता हैं।

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